खामोशियाँ✍
- Smriti Tiwari
- Jul 15, 2017
- 1 min read
चलो कुछ देर तारों तले बैठें चाँदनी की दूधिया रंगत समेटें मौन सा इकरार हो जब दरमियां खामोशियाँ खुद ही बात कर लेंगी ..... खामोश तकते रहें आकाश को मद्धम शीतल बयार भी साथ हो अधपके से ख़्वाब जोे बिखरे मिले पलकें उनपर भी इख़्तियार कर लेंगी ..... चलो कुछ देर तारों तले बैठें चाँदनी की दूधिया रंगत समेटें मौन सा इकरार हो जब दरमियां खामोशियाँ खुद ही बात कर लेंगी .....

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