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वो आधा पौना पूरा चाँद !!!!!🌙

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Sep 13, 2017
  • 1 min read

वो आधा पौना पूरा चाँद कभी तुझसा कभी खुद सा कभी बेगाना लगता है । हर शब आकर मिलता है मुझे पर अफ़साना लगता है । वो आधा पौना पूरा चाँद कभी तारों से गलबहियाँ करता इश्कबाज़ दीवाना लगता है । कभी अकेला चांदनी में लिपटा बड़ा सूफियाना लगता है । वो आधा पौना पूरा चाँद कभी अकेला मनमौजी बाशिंदा गज़ब फकीराना लगता है । कभी मौसिकी सिखाता हुआ बेहद शायराना लगता है । वो आधा पौना पूरा चाँद खिड़की से बरबस झांकता कोई दिलदार याराना लगता है । कभी छज्जे पर तन्हाई बाँटता माशूक पुराना लगता है । वो आधा पौना पूरा चाँद !!!!! •••••✍✍✍ ● Śमृति @ मुक्त ईहा••••••• © https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Like @ https://www.facebook.com/me.smriti.tiwari/ Follow@ https://www.instagram.com/mukht_iiha/ छायाचित्र आभार🤗 - !nterne+ 


 
 
 

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