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मीठी यादें खारा पानी....

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Jul 19, 2017
  • 1 min read

कई मीठी यादें बह निकलीं फिर नैनों की खारे पानी में ।।। ज़ज़्बात मेरे उलझे ही रहे खुद अपनी बुनी कहानी में ।।।। कई मीठी यादें बह निकलीं फिर नैनों की खारे पानी में ।।। चाहा था जो वो कह न सके उनसे हम इस ज़िंदगानी में ।। कई मीठी यादें बह निकलीं फिर नैनों की खारे पानी में ।।। सारे ही ख़्वाब मौन हो डूब गए रात आये थे जो निंदिया रानी में ।।। कई मीठी यादें बह निकलीं फिर नैनों की खारे पानी में ।।। लड़कपन में जो विद्रोह सा था बचपना लगता है मुझे जवानी में ।।।। @ मुक्त ईहा


 
 
 

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