वह है.....
- Smriti Tiwari
- Jul 29, 2017
- 1 min read
नयन का विश्राम वह है भावना अविराम वह है.... छा रही काली घटा का रौशन-ए-पैगाम वह है ... तुम नहीं समझोगे उसको आत्मा का प्यार वह है... क्या कहूँ कैसे बताऊँ ज़िंदगी त्योहार वह है..... मेरे गीतों को जो बांधे एक अनुपम राग वह है.... अधखुली पलकों से झांके अलसुबह का ख्वाब वह है.... दूर होकर भी है लगता जैसे मेरे पास वह है.... साथ हर लम्हा रहे जो ऐसी अमिट सी याद वह है..... ~~ मुक्त ईहा © https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Like @ https://www.facebook.com/me.smriti.tiwari/ Follow@ https://www.instagram.com/mukht_iiha/

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