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ये इश्क़ ! 💓या ख़ुदा!!💖

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Aug 17, 2017
  • 1 min read

"अग्यार हमसे नज़ीब हैं बस ख़ुत्बा देते अदीब हैं... हुए सिलसिले भी अजीब हैं कहते इसे ही नसीब हैं ".... बड़ी मशहूर कहावत है कि "होनी को भला कौन टाल सकता है".. मतलब अगर आपका दिल खोना और चैन ख़राब होना निश्चित है तो बेफ़िक्र रहें दुनिया की कोई भी ताकत उसे होने से नहीं रोक सकती। और साहिब जब मर्ज़ इश्क़ का हो तब तो कहना ही क्या? तब तो न ही दवा काम आती है न दुआ! शायद तभी तो वो एक अजनबी शख्स ही दुनिया लगता है और उसका इक़रार-ए-मोहब्बत हमपर उसकी सबसे बड़ी मेहरबानी। अगर कोई इस बीच आये तो वह जानी दुश्मन लगता है सरकार!! इसलिए चलिये छोड़िये भला किस्मत पर किसका ज़ोर चला है? "इश्कियां बढ़ाइये, इश्कबाज़ी फ़रमाइये या ख़ुदा! हम वक्त क्यों ज़ाया करें आपके बाशिंदे हैं ये इन्हें आप ही समझाइये।" ◆◆◆◆◆◆ अग्यार - अजनबी, प्रतिद्वन्दी ख़ुत्बा - भाषण अदीब - विद्वान, जानकार नजीब - उत्तम, कृपालु ● Śमृति @ मुक्त ईहा © https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Like @ https://www.facebook.com/me.smriti.tiwari/ Follow@ https://www.instagram.com/mukht_iiha/ छायाचित्र आभार🤗 - !nterne+ 


 
 
 

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