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पैग़ाम✍✍✍

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Aug 21, 2017
  • 1 min read

एक शबनम जब फ़ूल पे फ़ैली लेकर आई यह पैग़ाम गुज़रे का अफ़सोस तू ना कर है ये सहर बस तेरे नाम !!! शम्मा भी तो ख़ुद जलकर दुनिया को रौशन करती है तू भी कुछ ऐसा करके जा आयत बन चमके तेरा नाम !!! देख़ ये नया वक़्त भी तो तुझको आवाज़ें देता है खुशियों का आगाज़ है अब ढ़ल चुकी है ग़म की शाम !!! एक शबनम जब फ़ूल पे फ़ैली लेकर आई यह पैग़ाम गुज़रे का अफ़सोस तू ना कर है ये सहर बस तेरे नाम !!! ◆◆◆◆◆◆ ● Śमृति @ मुक्त ईहा © https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Like @ https://www.facebook.com/me.smriti.tiwari/ Follow@ https://www.instagram.com/mukht_iiha/ छायाचित्र आभार🤗 - !nterne+  


 
 
 

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