नज़्म✍✍✍
- Smriti Tiwari
- Aug 26, 2017
- 1 min read
थोड़ी सी तो इस तरह तेरे साथ कटी है बाकी भी इसी तरह गुज़र जाये तो अच्छा । वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बरबाद किया है इल्ज़ाम किसी और के सर जाये तो अच्छा । यूं तो हर एक रात के बाद आती है सुबह मग़र इस शब की सहर न आये तो अच्छा । आँधियों से टकराते हुए ही गुज़री है उमर आंधी के बाद वीरान न छाये तो अच्छा । ◆◆◆◆◆◆ ● Śमृति @ मुक्त ईहा © https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Like @ https://www.facebook.com/me.smriti.tiwari/ Follow@ https://www.instagram.com/mukht_iiha/ छायाचित्र आभार🤗 - !nterne+

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