बिछोह✍
- Smriti Tiwari
- Aug 29, 2017
- 1 min read
तुम न आये मिल न पाये मैं विथक कर रो पड़ा हूं। कौन सुनता मेरी गाथा जान कर अनज़ान सा हूं। मैं गया मादक झरोखे क्या मिला कुछ भी नहीं स्वर। ज़ल्द आओ पास मेरे अब मुझे विश्राम न है। हृदय धड़कता तीव्र गति में चैन न बेचैन मति में। नींद आती विवशता में तुम हँसो अनुमान सा है। •••••••✍✍✍ ● Śमृति @ मुक्त ईहा••••••• © https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Like @ https://www.facebook.com/me.smriti.tiwari/ Follow@ https://www.instagram.com/mukht_iiha/ छायाचित्र आभार🤗 - !nterne+

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