उड़ते दिन⏱⏲
- Smriti Tiwari
- Sep 17, 2017
- 1 min read
दिनों का क्या है , उड़ जाते हैं पंख लगाकर । रह जाते हैं हम, अपनी दुनिया से दूर, भीड़ में अकेले किसी अनकही गूँज की तरह । उदास शाम के साये में जब कभी यादों के डीप जल उठते हैं, मन डूब जाता है, तलाशता है उन सबको, आँसुओं के समंदर में । सब अपनापन छूट जाता है, रह जाता है केवल , सूनापन और यादें , चट्टानों पर सर पटकती, बेबस लहरों की तरह । और एक दिन.... ऐसे ही... यह जीवन भी... छोड़ जाता है... किसी अनाथ-अनकही कथा की तरह !! ••✍✍✍ ● Śमृति @ मुक्त ईहा••• © https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Like @ Facebook : S'मृति "मुक्त ईहा" Follow@ Instagram : #mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 - !nterne+

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