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- Smriti Tiwari
- Sep 30, 2017
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रख लो गिरफ़्त में अभी इस रूह को कुछ देर ही , तेरी मोहब्बत के क़ैदी हैं पल भर में हम कैसे चले जायें । पकड़ो मेरी उंगली यूं ही कुछ देर को तुम बेबात ही , चंद लम्हात मेरे आख़िरी फ़िर हम-तुम साथ जी जायें । ख़ामोश लब को रहने दो छोड़ो भी बातों के जतन , नज़रों में मेरी एकटक झांक कर ज़ज़्बात फ़िर पढ़े जायें । ज़ुल्फों को यूं संवार दो उलझन न जाये रह बाकी कोई, जिस्मों का साथ छोड़कर रूहों के मिलन वाले क़सीदे कहे जायें । •••✍✍✍ © Śमृति #Mukht_iiha Webpage🏷: https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Facebook👍 : S'मृति "मुक्त ईहा" Instagram❤ : mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 : !nterne+

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