Sawal_e_hindostan..
- Smriti Tiwari
- Oct 2, 2017
- 1 min read
#गांधी_शास्त्री_जयंती_🙏🙏 माननीय कवि #श्री_दुष्यंत_कुमार_जी की एक रचना (चीथड़े में हिन्दोस्तान) बहुत पहले एक कार्यक्रम में पढ़ने का सौभाग्य मिला था हमें।🙏तब शायद उसका भाव उस हद तक नहीं समझ पाये थे, किंतु आज की यह रचना उसी भावों से प्रेरणा लेकर लिखी है। उम्मीद करती हूँ कि ये प्रयास सार्थक होगा। "दुष्यंत जी" के सभी चाहने वालों से करबद्ध क्षमा🙏एवं यह रचना उन्हें ही समर्पित।।🙏🙏 ✍✍✍✍•••••••• मस्लहत आमेज़ हैं सियासी कलाम सारे ग़ौर से देखिये ये तरक्की-ए-हिन्दोस्तान है । गांधी जी देख़ लो अपने तीन बंदरों का हाल यहाँ हर शख़्स अँधा,बहरा और बेज़ुबान है । •••••••••••••••••🙈🙉🙊••••••••••••••••• कल तक जो वतन था मेरा आज वियावान है बरसों से रह गया यहाँ सिर्फ पतझड़ ही मेहमान है । कानूनी हाथों में नुमाइशें होती गड्डी-ए-गाँधी की फ़िर सच्चाई के चीथड़े उड़ाती झूठ की दुकान है । •••••••••••••••••😱😵🤐•••••••••••••••••• उपद्रव,खूनखराबा देखिये सबसे आसान है गांधी की सोच को किताबों में मिलता सम्मान है । बेशकीमती दुनिया की नीलामी में लगी बोली में एक आवाज़ सब चीखे कि सबसे सस्ता यहाँ इंसान है । ••••••••••••••••••👿🤒🤕😈•••••••••••••••••• व्यापार का नमक है यहाँ हर लहू में जैसे घुल चुका नफ़ा और नुक़सान का ही महज़ सबको ज्ञान है । शास्त्री जी आपका बतलाया सब दोहराते हैं मग़र असहाय सा जवान और भूखा मर रहा किसान है । •••••••••••••••••••••💂👳•••••••••••••••••••• कौमी कबीलों की जंग-ए-सियासत अब आम है अनेकता की एकता का दिखता नहीं नामोनिशान है । बदी को किनारे कर कभी नेकी की राह संवारिये आख़िर यह भी तो देश का एक स्वच्छता अभियान है । ••••••••••••••••••••••🙏🙏•••••••••••••••••••• •••✍✍✍ © Śमृति #Mukht_iiha Webpage🏷: https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Facebook👍 : S'मृति "मुक्त ईहा" Instagram❤ : mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 : !nterne+

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