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❤Me❤

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Oct 11, 2017
  • 1 min read

बस यही तो हूँ मैं......

कभी आवारा बादल सा, कभी तेरे आँखों में छिपे काजल सा । कभी पन्नों में दबे ग़ुलाब सा, कभी तेरे रुख़ पर चढ़ते शबाब सा । कभी अकेला आकाश तकता, कभी भीड़ में तुझसे बेबाक़ लिपटता । कभी सन्नाटों में दबे पांव निकलता, कभी शोर में जमकर मदमस्त थिरकता । होठों के कोरों से छलकती मुस्कान की तरह, कभी नमकीन पानी से धुलते फ़रमान की तरह ।

💟•••••••••••••••••💟 ....इक़रार हूँ इंकार हूँ , तेरी ख़लिश हूँ उत्साह हूँ , तुझसे ही हूँ तुझमें ही हूँ , मैं इश्क़ सा बेपरवाह हूँ ।

••✍✍✍ © Śमृति #Mukht_iiha Webpage🏷: https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Facebook👍 : S'मृति "मुक्त ईहा" Instagram❤ : mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 : !nterne+ 


 
 
 

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