top of page

Mrig_kasturi!!

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Oct 13, 2017
  • 1 min read

#मृग_कस्तूरी🐐🌠 लगा फ़र्लांग वो नापे रास्ता, कितना पास है या फ़िर कितना दूर। यत्र-तत्र सर्वत्र तलाशे, देख़ो मृग है कस्तूरी के मद में चूर। सुगंध है प्रस्तारित वन में, हर क्षण पर उड़ती मीलों तक धूल। यत्र-तत्र सर्वत्र तलाशे, देख़ो मृग है कस्तूरी के मद में चूर। पुष्प झूमते प्रसन्न भाव में, तज चिंतन से सानिध्य के शूल। यत्र-तत्र सर्वत्र तलाशे, देख़ो मृग है कस्तूरी के मद में चूर। बाह्य माया में यूँ है उलझा, मन की क्षमता को गया है भूल । यत्र-तत्र सर्वत्र तलाशे, देख़ो मृग है कस्तूरी के मद में चूर। 🌠----------------🌠 •••✍✍✍ © Śमृति #Mukht_iiha Webpage🏷: https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Facebook👍 : S'मृति "मुक्त ईहा" Instagram❤ : mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 : !nterne+ 


 
 
 

Comentarios


Featured Review
Tag Cloud
bottom of page