Gazal✍
- Smriti Tiwari
- Oct 16, 2017
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क्या दौर चल रहा है क्या हो रहा समां घर की नींव को सामानों ने तोहमत अदा की होगी.. सहम सी गई हैं तमन्नाएँ कुछ यहाँ ज़रूरतों ने उनसे ज़रा तल्ख़ी से बात की होगी.. वो भूख से बिलखता देख़ रहा कारवाँ मुफ़लिसी ने अमीरों के दिल की शिनाख्त की होगी.. हवाओं में घुल रहा है एक बेचैन नशा जिसने भी लिया उसने इसमें उदासी भांप ली होगी.. तड़प गया देखकर यूँ खौफ़ का मंजर फौत ने भी हाय! दो घड़ी की इज़ाज़त मांग ली होगी.. •••✍✍✍ © Śमृति #Mukht_iiha Webpage🏷: https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Facebook👍 : S'मृति "मुक्त ईहा" Instagram❤ : mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 : mIrAkEE

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