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Oh god! Women😢

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Oct 16, 2017
  • 1 min read

उन्होंने मेरा ज़िस्म ही तो रौंदा है, मेरी आत्मा अभी भी गर्व से खड़ी है। दुनिया की आँखे तो देख़ो, जो कहते हैं "लड़की बेआबरू बड़ी है" । उन्होंने पर ही तो मेरे कतरे हैं, हौसलों की परवाज़ फिर भी चढ़ी है । दुनिया की तोहमत तो देख़ो, जो कहते हैं "लड़की ज़िद्दी बड़ी है" । उन्होंने फेरों की कीमतें लगाई हैं, स्वाभिमान की अग्नि दहक पड़ी है । दुनिया की मुंहज़ोरी तो देख़ो, जो कहते हैं "लड़की बद्तमीज़ बड़ी है" । उन्होंने किताबों की धज्जियाँ उड़ाई हैं, ज्ञान की ललक हर क्षण बढ़ पड़ी है । दुनिया की कुंठा तो देख़ो, जो कहते हैं "लड़की बद् दिमाग बड़ी है" । उन्होंने बिन सलाखों की क़ैद बनाई है, आशायें चौखट लाँघ निकल पड़ी हैं । दुनिया की कायरता तो देखो, जो कहते हैं "लड़की बेहया बड़ी है" । उन्होंने कोख़ में ही तो मार गिराया है, माँ से कहकर कि ये दुनिया सही नहीं है । दुनिया की मानसिकता तो देखो, जो कहते हैं "लड़की जात आफ़त की पुड़ी है" । •••✍✍✍ © Śमृति #Mukht_iiha Webpage🏷: https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Facebook👍 : S'मृति "मुक्त ईहा" Instagram❤ : mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 : !nterne+ 


 
 
 

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