top of page

💘Prem💘

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Oct 19, 2017
  • 1 min read

बरसों मेरे साथ रही है पर कुछ बदली-बदली लगती है आवाज़ों की भीड़-भाड़ में गुमसुम बाज़-दफ़ा वो रहती है। तारीफ़ अगर मैं कर बैठूं तो 'धत' कहके हाय! चहकती है चलते-चलते एकदम से ही ठहर के हर रोज़ पलटती है। कोई पूछे वफ़ा-जफ़ा तो बस मौन स्वीकार्य में संवरती है नज़रें नीची रखती है क्योंकि उनमें मुझे छिपाये फिरती है। सोचता हूँ कल पूछूं उससे मुझसे इतना प्रेम क्यूं करती है बरसों मेरे साथ रही है पर कुछ बदली-बदली लगती है। ••✍✍✍ © Śमृति #Mukht_iiha Webpage🏷: https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Facebook👍 : S'मृति "मुक्त ईहा" Instagram❤ : mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 : !nterne+ ...........🌿 


 
 
 

Comments


Featured Review
Tag Cloud
bottom of page