Chashm👀Smriti TiwariOct 19, 20171 min readचश्म के चश्मे हमने हटा के देख़ लिये उम्मीद नहीं तो सहर में भी नहीं उजाला है । आब-ए-चश्म के दरिया बहा के देख़ लिये सोचा धुल जायेगा नज़र पे जो दाग़ काला है । ©smriti_mukht_iiha
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