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Again✍

  • Writer: Smriti Tiwari
    Smriti Tiwari
  • Nov 4, 2017
  • 1 min read

आज हारे हैं हम फ़िर से मग़र टूटे नहीं हैं। लगने लगी मंज़िल दूर फ़िर भी रास्ते छूटे नहीं हैं। हो हार चाहे जितनी भी मंज़िल की राह में। कोशिशें करते रहेंगें हम भी नये विश्वास से। है भरोसा हमको ख़ुद पर हौसला ये मन में है। बारम्बार गिरकर उठ चलेंगे फ़िर से राह पर बढ़ेंगे। अपनी लगन से ही हाँ हम पूरे करेंगे सब स्वप्न। जो तेरे-मेरे साझे में रहते इन दो नयन में हैं। ••✍✍✍ © Śमृति #Mukht_iiha Webpage🏷: https://smileplz57.wixsite.com/muktiiha Facebook👍 : S'मृति "मुक्त ईहा" Instagram❤ : mukht_iiha छायाचित्र आभार🤗 : !nterne+ 


 
 
 

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