Sword🗡
- Smriti Tiwari
- Nov 22, 2017
- 1 min read
इतिहास के सफ़हों में लिखी कितनी ही गाथायें हैं, हर क़दम पर वीरों ने तोड़ी अनगिनत बाधायें हैं। न शौर्य को तू तज, बन मेघ सा गरज, माथे पे मल गुलाल सी, रणभूमि की ये रज। आवाह्न तू कर, न धीर धर इतिहास से लेकर प्रेरणा, भविष्य सँवारने को तू वीर बढ़!!!

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