

वो चाँद...🌙
आज गुमसुम सा लगा थोड़ा तन्हा अकेला सा । माहताब जल रहा था जैसे थोड़ा पनीला सा । सोचा ये भी थककर कहीं गिरकर चूर न हो जाये । ये नम रात फ़िर...


ये ज़िंदगी गुलज़ार है💐💐
कभी ताज़े शहद सी मीठी तो कभी पुराना खट्टा चटकारा अचार है पतझड़ों के ठूंठ सी तनी हुई रहती तो कभी झूमती मदमस्त सी बहार है हैं शिकवे-शिकायतें...


मनकही❣
भूल बैठी हूं मेरे अरमान, उन्मुक्त उड़ान मेरी हंसी न जाने कहाँ खो गई है । देखो ! याद आया बचपन के साथ वो चार दिवारियों में थक कर सो गई है ।...


मैं कौन हूं ?
वीभत्स हूं निकृष्ट हूं फ़िर भी अति विशिष्ट हूं देह सज्जना की चादर में लिपटी हुई मैं प्रतिष्ठ हूं । मौनतः स्वीकार हूं सामाजिक तिरस्कार हूं...


नज़्म..✍
दिल की दुनिया दर्द से आबाद है साँस जो सीने में है फरियाद है । एक दिन वो था कि हम थे और तुम अब वक़्त हम हैं संग तुम्हारी याद है । उम्र भर...


छोटी सी बात 📝...मन के जज़्बात ❣💌...
आज फिर यादों वाला पुराना पिटारा है खुला !! बारिश की बूंदें छूकर गईं ये बावरा मन फिर धुला !!! तेरे नाम को छुपके जग से होठों ने मेरे फिर...


नज़्म✍...
तेरे हिज़्र की खींची लकीरें हैं ये जिन्हें मैं हरफों में ढाल रही हूं । मोहब्बत का ख़ुमार नहीं था उतरा ज़ार-ज़ार हुए ख़त सम्हाल रही हूं । ...


नज़्म✍
वक़्त ऐसा चला ज़ख़्म बढ़ते गये मैंने रोकर पुकारा तुम हँसते रहे । तुमने सोचा कि क़ैदी भागेगा नहीं हम भी दीवाने थे तेरी चाहत लिये । पर कहां तक...


छोटी सी बात 📝...मन के जज़्बात ❣💌...
इस नम रात में कश्मकश सी है शायद हाथों ने थामा है माहताब का एक छोर !!! आसमान से लुढ़क कर जो आ गिरा था फिसलता हुआ अचानक मेरी ओर !!!...


शिव_प्रभात🙏🙏🙏🙏
माटी ने सब मानुष रचे न कोई उच्च न लघुकाय होता है ! एक चेतना सबमें बसी जिससे आत्मा का चिर प्रवाह होता है ! समय की चोट पड़ती है तो सामान्य...